पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं। किनारे पर खड़े रहने वाले कभी नहीं डूबते। लेकिन किनारे पर खड़े रहने वाले लोग कभी तैरना ..
बाबा रामदेव इस बार झांसी से उठाएंगे झंडा, भारत स्वाभिमान यात्रा २
बुंदेलखंड का झांसी एक बार फिर नया राजनीतिक युद्धस्थल बनने जा रहा है। रानी लक्ष्मीबाई की स्मृति को ताजा करने के लिए ही झांसी को बाबा रामदेव ने अपने आंदोलन का अगला पड़ाव चुना है। झांसी से रामदेव दिल्ली की सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। रामदेव बोले कि मुझे किसी प्रकार का डर नहीं है और न ही मैं किसी को डराना चाहता हूं। रामदेव समर्थकों को निर्देश मिल रहे हैं कि वे सभी 19 सितंबर को झांसी कूच करें। झांसी में 20-21 सितंबर को दो दिवसीय शिविर लगाया जाना है।
रविवार को एक भेंट में बाबा रामदेव ने बताया कि मेरी लड़ाई करप्शन तथा ब्लैक मनी के खिलाफ है। शिविर लगाने की इजाजत झांसी जिला प्रशासन से ली जा चुकी है। बाबा रामदेव तीन दिन झांसी में रहेंगे। फिलहाल उन्होंने केंद्र के समक्ष अपनी आवाज को रखने के लिए यूपी-उत्तराखंड को मेन सेंटर के रूप में चुना है। इन दोनों राज्य में इस समय गैरकांग्रेसी सरकारें हैं। शिविरों के माध्यम से ही रामदेव अपनी आवाज उठाने की रणनीति बना चुके हैं।
योग गुरु का कहना है कि केंद्र सरकार डर-लालच की रणनीति अपना रही है। लेकिन हम न ही डरेंगे और न ही किसी लालच-लोभ में आएंगे। फोन पर एनबीटी से वार्ता के दौरान रामदेव का कहना था कि ईडी के मामले में मुझे बदनाम करने की साजिश चलाई जा रही है, लेकिन मैं अपनी सही बात पब्लिक के बीच रखूंगा और इसी नाते मैने झांसी को चयन किया है।
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