राजा भी कौन कौन से गजनी, तुगलक, ऐबक, लोदी, तैमूर, बाबर, अकबर, सिकंदर जो कि भारतीय थे ही नहीं। राजा विक्रमा..
अफजल गुरु को बचाना चाहते है जम्मू कश्मीर के सीएम?
क्या जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला संसद पर हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु की फांसी को रोकने की वकालत कर रहे हैं? अपने हालिया ट्वीट ने मुख्यमंत्री ने ऐसे ही संदेहों को हवा दे कर विवाद खड़ा कर लिया है।
उमर ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी पर मंगलवार को पारित किए गए प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि ऐसा ही प्रस्ताव जम्मू और कश्मीर की विधानसभा में अफजल गुरु के संदर्भ में पारित किया जाता तो अब तक काफी बखेड़ा खड़ा हो जाता और उनसे पूछा जाता कि वह (उमर) किस तरह हैं? उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव पारित करने के बाद भी जैसी शांति है वैसी अफजल के मामले में नहीं होती।
उमर ने ट्वीट किया है- अगर जेऐंडके विधानसभा ने तमिलनाडु जैसा ही प्रस्ताव अफजल गुरू के मामले में पारित किया होता तो क्या ऐसी ही चुप्पी भरी प्रतिक्रिया रहती? मुझे लगता है, नहीं।
यहां बता दें कि मुरुगन, संतन और पेरारीवलन को 9 सितंबर को होने वाली फांसी पर मद्रास हाईकोर्ट ने 8 हफ्ते की अंतरिम रोक लगाई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा देकर बताने को कहा है कि दया याचिका पर फैसला करने में 11 साल क्यों लगे। इसी बीच, तमिलनाडु विधानसभा ने मंगलवार को आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति से राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा का सामना कर रहे तीन लोगों की पुनरीक्षण याचिका पर विचार करने की अपील भी कर दी है। इन तीनों को 9 सितंबर को फांसी दी जानी थी।
Share Your View via Facebook
top trend
-
देश में चल रहे गुप्त षड्यंत्र को समझने के लिए!
-
देश की सुरक्षा खतरे में है, क्या जन्मतिथि को लेकर कभी कोई विवाद ही नहीं था?
भारतीय सेना खस्ताहाल है और देश की सुरक्षा खतरे में है। सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे एक गोपनी..
-
महाराष्ट्र में आरटीआइ का गला घोंटने की तैयारी, चुपचाप विधानमंडल में मंजूर भी करवा लिया
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। सूचना अधिकार कानून [आरटीआइ] के जरिए जिस महाराष्ट्र में आदर्श सोसाइटी जैसा बड़ा घोटाला उजागर हुआ,..
-
राष्ट्र जीवन की समस्याएँ - प. दीनदयाल उपाध्याय
भारत में एक ही संस्कृति रह सकती है; एक से अधिक संस्कृतियों का नारा देश के टुकड़े-टुकड़े करके हमारे जीवन का विनाश कर देगा। ..
-
32 रुपये खर्च की गरीबी रेखा इतनी बेतुकी भी नहीं : मोंटेक
32 रुपये रोजाना खर्च की गरीबी रेखा पर हो रही आलोचनाओं के बीच योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने फिर इसका बच..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)