खेडा अफगान (मुजफ्फरनगर)।। मनुष्य यदि किसी काम को करने की ठान ले तो मुश्किलें भी उसके लिए राह बनाने लगती हैं। मुजफ्फरनगर जि..
रामलीला मैदान में नेताओं का तांता: वरुण गांधी पहुंचे, बाल ठाकरे ने भी भेजा 'दूत'
अन्ना हजारे नौ दिन से अनशन पर हैं और उनकी सेहत खराब ही होती जा रही है। बुधवार को रामलीला मैदान में राजनीतिक नेताओं की हलचल रही। बीजेपी के युवा सांसद वरुण गांधी सुबह-सुबह रामलीला मैदान पहुंच गए और अन्ना समर्थकों के बीच बैठ गए। कुछ ही देर बाद शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने भी अपना 'दूत' भेज दिया। उनकी ओर से संजय राउत चिट्ठी लेकर रामलीला मैदान पहुंचे। चिट्ठी में अन्ना से अनशन तोड़ने की अपील की गई है।
वरुण गांधी से जब पूछा गया कि आप के रामलीला मैदान में आने का क्या मतलब है, तो उन्होंने कहा कि मैं यहां देश के एक नागरिक के तौर पर आया हूं। मैं अन्ना का समर्थन करना चाहता हूं। जब वरुण से पूछा गया कि वह मंच पर जाएंगे तो उन्होंने कहा कि वे मंच पर नहीं जाएंगे। अन्ना से मुलाकात की बात पर पीलीभीत से बीजेपी के सांसद ने कहा कि उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है।
वरुण गांधी पहले भी जन लोकपाल बिल को प्राइवेट मेंबर्स बिल के तौर पर पेश करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। हालांकि उनकी पार्टी ने जन लोकपाल बिल का समर्थन नहीं किया है। बीजेपी ने अन्ना का तो समर्थन किया है, लेकिन उनके बिल पर पार्टी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई राय नहीं दी है।
वहीं बीजेपी शासित गुजरात के एक मंत्री ने यह कहकर सियासी हलचल तेज कर दी है कि कोई भी व्यक्ति कानून बनाने के लिए संसद पर दबाव नहीं डाल सकता है। यह बयान गुजरात सरकार में कानून और संसदीय कार्य मंत्री दिलीप संघानी की तरफ से आया है जो सीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
7वीं पास ने हवा से बिजली पैदा कर दी, पंखा, रेडियो और ट्यूब जलाकर लोगों को हैरत में डाला
-
बाबा रामदेव का गांधी परिवार पर हमला, कांग्रेस का बहिष्कार करने की अपील
योग गुरु बाबा रामदेव ने पहली बार गांधी परिवार पर हमले का शुभारंभ करते हुए आज उत्तर प्रदेश में एक बैठक के दौरान मतदाताओं ..
-
मुंशीराम कॉलोनी का बस्ती विकास केंद्र
दिल्ली विश्वविद्यालय के समीप का बहुत पुराना और प्रसिद्ध चौक है - किंग्स्वे कॅम्प| चौक के बाई ओर विजयनगर तो दाहिनी ओर ..
-
आदरणीय अन्ना, जवाब दीजिए: दिग्विजय सिंह का खुला पत्र
मुझे आपको यह खुला पत्र लिखते हुए बड़ा खेद हो रहा है। मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं। यह भावना आज से नहीं है किन्तु उस समय स..
-
गुजरात विरोधियों को चुनौती चाहे जितना आजमा लो, शांति का माहौल बरकरार रहेगा
सूरत, रविवार : मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में शांति का एक पूरा दशक बीतने के बावजूद गुजरात को बदनाम करने का निरं..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)