नई दिल्ली, जुलाई 27, 2012 । सुभाष पार्क से ढांचा हटाने को संतो का प्रचण्ड प्रदर्शन, हजारों ने किया महा चालीसा का पाठ, रा..
12 घंटे में 540 अन्ना समर्थक बीमार : रामलीला मैदान
यहां बने हेल्थ सेंटर में इलाज के लिए आ रहे बीमार लोगोंकी तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। ज्यादातर लोगऐसे हैं , जो रामलीला मैदान में आने के बाद बीमार हुए हैं।ऐसे लोग उलटी , दस्त , बुखार आने , चक्कर आने , जीघबराने जैसी शिकायतें लेकर आ रहे हैं। मरीजों की बढ़तीतादाद को देखते हुए हेल्थ सेंटर में तैनात डॉक्टर भीचिंतित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर लोगप्रदूषित पानी पीने , दूषित खाना खाने और मच्छरों के काटने की वजह से बीमार हो रहे हैं।
रामलीला मैदान के एक कोने में बने हेल्थ सेंटर पर डॉक्टरों की टीम को लीड कर रहे दिल्ली कैंसर फाउंडेशन केअध्यक्ष डॉ . राजीव छिब्बर और फिजिशियन डॉ . ए . पी . सिंह ने दोपहर 3 बजे के करीब बताया कि पिछले 12घंटों के दौरान यहां 540 मरीज आ चुके हैं। उनमें से 20 लोगों को एलएनजेपी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया।चार लोगों की हालत ज्यादा गंभीर थी। उन्हें पहले यहीं पर फर्स्ट एड दी गई और उसके बाद उन्हें भी हॉस्पिटलमें भर्ती करा दिया गया। एक अन्य बुजुर्ग महिला की हालत भी ज्यादा खराब थी , लेकिन उस समय डॉक्टर वहींपर उनकी देखभाल कर रहे थे।
डॉक्टरों ने बताया कि शुक्रवार की रात के बाद से मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है। ज्यादातर मरीजडायरिया और बुखार से पीड़ित हैं। कइयों के शरीर में पानी और शुगर की कमी थी। ऐसे लोगों को ड्रिप चढ़ाईगई। डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि यहां जो पीने के पानी के टैंकर आ रहे हैं और पानी के जो पाउच बांटे जा रहेहैं , शायद उनमें प्रदूषित पानी हो सकता है , जिसे पीकर लोग बीमार हो रहे हैं। इसके अलावा लगातार बदल रहेमौसम का भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। हो सकता है जो खाना लोगों ने खाया , वह भी ठीक नहीं हो। चूंकि यहमच्छरों का ब्रीडिंग सीजन भी है और बारिश के बाद यह जगह इसके लिए बहुत माकूल बन गई है , ऐसे में यहांबहुत मच्छर भी हो गए हैं।
डॉक्टरों का कहना था कि एमसीडी को यहां लगातार फॉगिंग करनी होगी , ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जासके। डॉक्टरों ने लोगों से मिल रहे सहयोग की भी भरपूर सराहना की। उन्होंने बताया कि मरीजों की तादादबढ़ने के बाद दवाइयां कम पड़ रही थीं , इसलिए हमने मीडिया के जरिए लोगों को इस बारे में बताकर उनसेमदद की अपील की थी , जिसके बाद सैकड़ों लोग दवाइयां लेकर यहां पहुंच गए और अब जरूरत से ज्यादादवाइयां हो गई हैं।
गौरतलब है कि इस हेल्थ कैंप में 35 डॉक्टरों की टीम लगी हुई है , जिनमें नर्सिंग स्टाफ भी शामिल हैं। कई अन्यडॉक्टर भी लगातार यहां सहयोग के लिए आ रहे हैं। यहां तैनात ज्यादातर डॉक्टर बड़े सरकारी और प्राइवेटअस्पतालों से जुड़े हुए हैं , लेकिन अन्ना को समर्थन देने के लिए वे अपना सब काम छोड़कर स्वेच्छा से यहां आएहैं। इनमें कुछ महिला डॉक्टर और नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट भी शामिल हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
सुभाष पार्क से ढांचा हटाने की मांग को लेकर संतो का प्रचण्ड प्रदर्शन : राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा
-
जब अपने मंच पर चार-पांच ईमानदार भी नहीं जमा कर पाए अन्ना, तो भ्रष्टाचार से क्या खाक लड़ेंगे?
मीडिया में जिस अग्निवेश की बदनीयती और बेईमानी के बेनकाब होने के बाद उसको अन्ना हजारे ने अपने से अलग किया है उस भगवाधारी के..
-
मैं सेकंड हैंड किताबें लेकर पढ़ता था और कक्षा में पहले नंबर आता था
बाबा रामदेव को गाते हुए, मौज-मस्ती करते हुए, डांस करते हुए आप देखना चाहते हैं तो इस शुक्रवार को प्रसारित होने वाला सारेगाम..
-
9/11 जैसा खतरा: मुंबई में मिसाइलें तैनात, वायुसेना-नौसेना भी तैयार
मुंबई एयरपोर्ट पर 9/11 की तर्ज पर हमले की आशंका से जुड़ी खुफिया चेतावनी के बाद महाराष्ट्र के सभी हवाई अड्डों की सुरक्..
-
वरूण ने कालेधन को लेकर तीनों सांसदों के नाम पूछे, आर.टी.आई. का सहारा ले सकते हैं
भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता एवं सांसद वरूण गांधी ने सरकार से उन तीन सांसदों के नामों का खुलासा करने की मांग की है जिन्..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)