अन्ना के अनशन में शराबियों और हुड़दंगियों की भी भीड़
अन्ना हजारे के आंदोलन को भले ही युवाओं का जबर्दस्त समर्थन मिल
रहा हो , लेकिन इनके बीच कई युवा ऐसे भी हैं , जो इस मुहिम का नाजायज
फायदा भी उठा रहे हैं। ये ऐसे युवा हैं , जिन्हें लगता है कि शायद
अन्ना को समर्थन देने के नाम पर खुलेआम हुड़दंग करने की छूट मिल गई
है। इन लोगों को पता है कि पुलिस भी अब मजबूर है और ज्यादा कुछ करेगी
नहीं , ऐसे में इन युवाओं को किसी का खौफ भी नहीं है।
हमारे सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार की देर रात अन्ना के समर्थक शराब
के नशे में झूमते हुए मंच पर चढ़ने की जबरन कोशिश करने लगे। उनकी
इच्छा थी कि मंच पर चढ़कर वह भी नारे लगाएं। लेकिन, वहां मौजूद पुलिस
वालों और अन्ना के वॉलिंटियर्स ने उन्हें मंच पर चढ़ने से रोक
दिया।
वहीं पिछले 4 दिनों से लगातार दिल्ली के विभिन्न इलाकों में युवाओं के
कई ऐसे समूह नजर आ रहे हैं , जो खुलेआम ट्रैफिक नियमों और कायदे
कानूनों का जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। कहीं एक बाइक पर 4 - 5 युवक हाथ
में तिरंगा लेकर निकल पड़ते हैं , तो कहीं पर युवाओं का समूह गाड़ी की
डिक्की और दरवाजे खोलकर या गाड़ी की छत पर बैठकर नारे लगाते हुए शहर
की सड़कों पर निकल पड़ता है।
ट्रैफिक नियमों की तो खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। कोई बिना
हेलमेट पहने निकल रहा है , तो कोई रॉन्ग साइड से जा रहा है , कोई रेड
लाइट जंप कर रहा है , तो कोई कहीं भी गाड़ी पार्क कर दे रहा है। आमतौर
पर सख्त रवैया अपनाने वाली दिल्ली पुलिस भी इनके सामने बेबस नजर आ रही
है।
शुक्रवार को भी जब अन्ना हजारे तिहाड़ से रामलीला मैदान पहुंचे , तो
युवाओं के कई समूह गाड़ियों में लदकर यहां पहुंचे। कई स्कूली बच्चे तो
टेंपो के चारों ओर लटक कर पहुंचे , तो कई युवा कारों और जीपों की छत
पर झंडा लहराते हुए आए। हैरानी की बात यह है कि एक तरफ जहां टीम अन्ना
अपने समर्थकों के अच्छे बर्ताव का दम भरती नहीं थक रही , वहीं दूसरी
तरफ हुड़दंगी समर्थकों का यह वर्ग टीम अन्ना और उनके समर्थकों की साख
पर बट्टा लगा रहा है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
सिर्फ जनलोकपाल ही सब कुछ नहीं, आगे सोचना होगा : बाबा रामदेव
-
अयोध्या पर फैसला सुनाने वाले जजों को मारना चाहता था सिमी, पाकिस्तान करवाता है हमले
प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के उन जजों को हत्या की साजिश रची थी, जिन्होंने अयोध्या विवा..
-
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद : भारतीयता की अभिव्यक्ति - पं. दीनदयाल उपाध्याय
भारत में एक ही संस्कृति रह सकती है; एक से अधिक संस्कृतियों का नारा देश के टुकड़े-टुकड़े कर हमारे जीवन का विनाश कर देगा। अत..
-
बाबा रामदेव के युवा भारत कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर से जुड़ने का प्रथम अवसर
समस्त विश्व में भ्रस्टाचार से लिप्त देशो में हम चौथे पायदाने पर हैं, विश्वगुरु भारत की यह दशा अत्यधिक चिंताजनक है, एवं इस ..
-
याददाश्त पर हावी हादसे — प्रीतीश नंदी
पिछले सप्ताहांत मैंने इशिता से पुणो की एक जगह के बारे में जानना चाहा। उसने मुझे बताया कि वह जगह कयानी बेकरी के करीब है। मै..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)