२६/११ के कर्ता-धर्ता को 'साहब' कहते हैं कांग्रेस के सांसद, फिर भी मीडिया ने बनाया हीरो

Published: Friday, Feb 03,2012, 10:51 IST
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क्या सचमुच देश का मीडिया बिक चुका है ? मीडिया ने मणिशंकर अय्यर को हीरो बना दिया है कि उन्होंने पाकिस्तान के टीवी चैनल के कार्यक्रम में हाफिज़ साहब पर मुकदमा चलाने की बात की | पर जो लोग वो कार्यक्रम का विडियो देखेंगे वो ये देख कर हक्के बक्के रह जायेंगे कि कैसे केंद्र में मंत्री रह चुके और वर्तमान में कांग्रेस सांसद मणि शंकर अय्यर ने बार बार मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद को हाफ़िज़ साहब कह कर संबोधित किया | जिस इंसान ने मुंबई हमले में सैकड़ों जाने लील ली, हमारे सुरक्षा बलों के जवान और पुलिस अधिकारी शहीद हुए, उसी को "साहब" कह कर संबोधित करना | और इस बात को न बता कर देश के बड़े समाचार चैनल और पत्र ये जतलाने में लगे हैं कि उन्होंने कोई बहुत बहादुरी का काम कर दिया |

मणि शंकर ने मुकदमा चलाने की, उन्हें गिरफ्तार करने की बात की | क्या उन्हें ये नहीं पता कि पाकिस्तान के लाहौर की अदालत ने हाफ़िज़ सईद को पहले ही बरी कर दिया है और जितने समय वो पुलिस की पकड़ में था, उतने समय के लिए उसके परिवार को पाकिस्तान सरकार ने २५ हज़ार रुपये महीने का गुजारा भत्ता दिया | ये बात हमारे सांसद को नहीं पता या उस सांसद को महिमा मंडित कर रहे मीडिया को नहीं पता ? क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जोर्ज बुश और ओसामा बिन लादेन एक साथ बैठ के न्यूज़ चैनल को साक्षात्कार दे रहे हो ? पर भारत का सांसद मुंबई हमलों के मोस्ट वांटेड के साथ बैठ कर उसे साहब कह कर संबोधित करे, ये आज की सच्चाई है |

ध्यान रहे कि मणिशंकर वीर सावरकर को "हिन्दू जिन्नाह" कहने के लिए विवादों में घिर चुके हैं | उन्होंने तमिलनाडु में खुले आम कहा था कि मैं ब्राह्मन हूँ पर फिर भी गौ-मांस खाता हूँ और बाकी लोगों को भी खाना चाहिए | एक और कांग्रेस की सरकार भारतीय सेना के अध्यक्ष के विरुद्ध केस लड़ रही है और दूसरी ओर भ्रष्टाचारियों को बचाती फिर रही है | वही कांग्रेस के नेता आतंकवादियों को आदर देने में लगे हैं | किसी को "ओसामा जी" के अंतिम संस्कार की चिंता है तो कोई हाफिज़ सईद से आदरपूर्वक बातें करने में व्यस्त हैं | और कसब और अफज़ल गुरु को तो सरकारी दामाद बना के बैठाया ही गया है | हेमंत करकरे, विजय सलास्कर, अशोक कामते और संदीप उन्नीकृष्णन जैसे मुंबई हमले के शहीदों के खून की एक एक बूँद भारत की जनता से चीख चीख कर न्याय मांग रही है कि कब तक भारत की जनता मूक दर्शक बनी इस तमाशे को देखती रहेगी |

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