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आसमान से धरती पर आया समंदर, धूमकेतु अपने साथ हजारों टन बर्फ लेकर आया
पेरिस, एजेंसी : सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन नेचर जर्नल
में छपे शोध के अनुसार दुनिया पर मौजूद समुद्र का ज्यादातर हिस्सा
धूमकेतु से आया। यह पृथ्वी से अरबों साल पहले टकराया। शोध के मुताबिक
यह धूमकेतु अपने साथ हजारों टन बर्फ लेकर आया। इस बर्फ ने पृथ्वी पर
पानी बनाने में पूरी मदद दी।
शोधकर्ताओं ने अपनी शोध के समर्थन में तर्क देते हुए कहा है कि पानी
में भारी हाइड्रोजन या ड्यूटेरियम की उपस्थिति धूमकेतु के टकराने की
पुष्टि करती है। धूमकेतु पर मौजूद बर्फ को 103पी/हर्टले 2 कहलाती है।
अक्टूबर-नवंबर 2010 में पृथ्वी के करीब से गुजरे धूमकेतु को यूरोप के
हर्शल स्पेस टेलीस्कोप से देखा गया। इस पर मौजूद बर्फ और धरती के पानी
में ड्यूटोरियम का कुछ हिस्सा हो सकता है। धूमकेतु बर्फ और धूल से
मिलकर बने होते हैं। इन्हें डर्टी स्नोबॉल भी कहा जाता है। यह
ब्रह्मांड में सूरज के इर्द गिर्द घूमते रहते हैं।
यह ब्रह्मांड में तब तक घूमते है जब तक कि कोई ग्रह अपने
गुरुत्वाकर्षण से इन्हें खींच नहीं लेता। दुनिया अपने शुरुआती वर्षो
में बहुत ज्यादा गर्म थी। इसकी वजह से पूरा पानी वाष्पित हो गया था।
लगभग 3.9 अरब वर्ष पूर्व पानी केवल मात्र ब्रह्मांड के ठंडे इलाकों
में मौजूद रहा होगा। अब तक मंगल और बृहस्पति के करीब मौजूद एस्टेरॉयड
और पत्थरों से पानी आने की अवधारणाएं चलती रही हैं।
जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के पॉल हर्टोग ने कहा कि नई धारणा के मुताबिक धूमकेतु की वजह से दुनिया पर मौजूद पानी का 10 फीसदी हिस्सा आया। एक अनुमान के मुताबिक बर्फ की यह बारिश दुनिया के बनने के लगभग 80 लाख साल बाद हुई होगी।
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