नमस्कार अरविन्द जी, यह पत्र मैं हाल ही में समर्थकों के नाम लिखे गए आपके पत्र के जवाब के रूप में लिख रहा हूँ, कोशिश है कि..
अर्धरात्रि १२ बजकर ०५ मिनट : भोपाल गैस त्रासदी पर कुछ पंक्तियाँ
हर जिस्म जहर हो गया एक दिन
मुर्दों का शहर हो गया भोपाल एक दिन
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
सर्दी की रात थी वो क़यामत की रात थी
दोजख की आग थी वो भयानक सी रात थी
जो भी हो मगर ये भी एक बात थी
कि तहजीबो तरक्की के गिलाजत की रात थी
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
मासूम कोई चीखता अम्मी मुझे बचा
मरती बहन भी टेरती भैय्या मुझे उठा
कहता था कोई आँख से आंसू बहा बहा
मरते दफा तो बाप को बेटा खुदा दिखा
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
फर्क था न लाश को जात पांत का
नस्ल रंग आज सब साथ साथ था
हिंदू का हाथ थामते मुस्लिम का हाथ था
जां जहाँ था मौत के हाथ था
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
देखा गया न जो कभी सोचा गया
नहीं दर्द को भी पी गई भोपाल की जमीं
खुदा करे ये हादसा गुजरे न अब कहीं
शायद ही अगली पीढियां इसपे करे यकीं
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
हर जर्रा शरर हो गया भोपाल एक दिन
मुर्दों का शहर हो गया भोपाल एक दिन
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
बाबा धरणीधर जी की मशहूर कविता से चुनिदा पंक्तियाँ ... (आभार)
Share Your View via Facebook
top trend
-
अरविन्द केजरीवाल को अन्ना आन्दोलनकारी असीम त्रिवेदी का पत्र
-
पंजाब नेशनल बैंक का पतंजलि आयुर्वेद को समर्थन, स्वदेशी व्यापार के लिए विशेष सहयोग
-
अल्पसंख्यक हिंदुओं की त्रासदी
सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम को जीवन का आधार मानने वाले हिंदुओं की स्थिति उन देशों में काफी बदतर है जहां वे अल्पसंख..
-
पुलिस अफसर नरेंद्र कुमार की हत्या : माफिया, मीडिया और विपक्ष
मुरैना में होली के दिन हुई पुलिस अफसर नरेंद्र कुमार की हत्या ने सारे देश में सनसनी-सी फैला दी थी| माना यह जा रहा था कि व..
-
भारतीय मीडिया एक निरंकुश हाथी...
एमएमएस घोटालों मे हाल ही में आयी बाढ़ को व्यंग्यात्मक रूप से कुछ यूं देखा जा सकता है: यह राष्ट्र एक एमएमएस, मन मोहन सिंह..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)