भारत में तस्करों की पसंद वह नैसर्गिक संपदा है, जिसके प्रति भारतीय समाज लापरवाह हो चुका है। भारत में लगभग 45 हजार प्रजातियो..
अर्धरात्रि १२ बजकर ०५ मिनट : भोपाल गैस त्रासदी पर कुछ पंक्तियाँ
हर जिस्म जहर हो गया एक दिन
मुर्दों का शहर हो गया भोपाल एक दिन
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
सर्दी की रात थी वो क़यामत की रात थी
दोजख की आग थी वो भयानक सी रात थी
जो भी हो मगर ये भी एक बात थी
कि तहजीबो तरक्की के गिलाजत की रात थी
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
मासूम कोई चीखता अम्मी मुझे बचा
मरती बहन भी टेरती भैय्या मुझे उठा
कहता था कोई आँख से आंसू बहा बहा
मरते दफा तो बाप को बेटा खुदा दिखा
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
फर्क था न लाश को जात पांत का
नस्ल रंग आज सब साथ साथ था
हिंदू का हाथ थामते मुस्लिम का हाथ था
जां जहाँ था मौत के हाथ था
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
देखा गया न जो कभी सोचा गया
नहीं दर्द को भी पी गई भोपाल की जमीं
खुदा करे ये हादसा गुजरे न अब कहीं
शायद ही अगली पीढियां इसपे करे यकीं
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
हर जर्रा शरर हो गया भोपाल एक दिन
मुर्दों का शहर हो गया भोपाल एक दिन
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - -
बाबा धरणीधर जी की मशहूर कविता से चुनिदा पंक्तियाँ ... (आभार)
Share Your View via Facebook
top trend
-
तस्करों के निशाने पर वन्य संपदा
-
दैनिक योग का अभ्यास क्रम, स्वस्थ जीवन के लिए
एक-एक योग की प्रक्रिया और एक-एक जड़ी-बूटी पर हमारे पूवर्जों ने, ऋषि-मुनियों ने करोड़ों-लाखों व हजारों वर्षों तक निरन्तर ..
-
स्वामी विवेकानंद के १५०वें जन्मदिवस पर ५ लाख युवाओं ने किया भागवत गीता का पाठ
अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में दुनियाभर से तकरीवन ५ लाख युवाओं ने १ माह तक चलने वाले गीता प..
-
खाने की थाली को महंगी करने में सबसे बड़ा हाथ ग्लोबल वार्मिग का है
सरकारी आंकड़ों में मात्र 25 रुपये में एक दिन के गुजारे की रूपरेखा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने क्या इस बात का आकलन किया क..
-
बाबा रामदेव की स्वाभिमान यात्रा को व्यापक समर्थन मिलना शुरू — प्रमोद भार्गव
महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मस्थली रही झांसी से बाबा रामदेव ने कालाधन वापस लाने की जो हुंकार भरी है, वह अब समझदारी का पर्याय ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)