अन्ना का दिग्गी को जवाब, कहा आर.एस.एस मेरी बदनामी की कोशिश कर रही है, कांग्रेस की उड़ाई धज्जियां

Published: Thursday, Oct 13,2011, 22:51 IST
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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ जनांदोलन चला रहे गांधीवादी अन्ना हजारे ने गुरुवार को कहा कि इस बुराई को मिटाने के लिए उन्हें भाजपा और कांग्रेस, दोनों में कोई फर्क नजर नहीं आता। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिलकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

हजारे ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उन्हें 11 और 12 अक्टूबर को लिखे दो पत्रों के आठ पृष्ठ के जवाबी खत में कहा कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए दोनों ही पार्टियों [कांग्रेस और भाजपा] की अंदर की आवाज नहीं निकलती, भ्रष्टाचार मिटाने के लिए दोनों ही पार्टियों में मुझे कोई फर्क नहीं दिखाई देता।

संघ से स्वयं को जोड़े जाने के दिग्विजय के आरोपों पर उन्होंने कहा कि आपने मुझे भाजपा और संघ परिवार से जोड़ने का प्रयास किया है। आपको या तो पता नहीं होगा या जानकर भी आप अनजान बन रहे हो।

संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के इस दावे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए सामाजिक कार्यकर्ताओं के आंदोलन को उनके संगठन का समर्थन है, हजारे ने कहा कि मैं ईश्वर को मानने वाला हूं और ईश्वर को साक्षी रखकर कहूंगा कि रामलीला मैदान में आरएसएस का एक भी कार्यकर्ता 12 दिन में एक बार भी मुझे आकर मिला नहीं। ना मेरे आंदोलन में दिखाई दिया।

उन्होंने कहा कि अगर भागवत ने कहा हो कि अन्ना के आंदोलन में हम सहभागी थे तो जैसे आपकी पार्टी कांग्रेस मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रही है, वैसे ही आरएसएस भी मेरी बदनामी की कोशिश कर रही है, ऐसा मैं मानता हूं। या तो आप दोनों ने मिलजुलकर मेरी बदनामी की कोशिश की होगी।

हजारे ने कहा कि मेरा मानना है कि क्या आपकी पार्टी, क्या भाजपा और क्या आरएसएस, कोई मेरी कितनी भी बदनामी की कोशिश करे, सत्य हमेशा सत्य होता है।

गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि देश की जनता को भाजपा, कांग्रेस या आरएसएस से कोई लेनादेना नहीं है। जनता भ्रष्टाचार से परेशान है, भ्रष्टाचार को मिटाने की कोशिश जब तक आप और आपकी पार्टी की सरकार नहीं करेगी, तब तक इन झूठी बातों का जनता पर कोई असर नहीं होगा। इसका अनुभव आपके बड़े-बड़े नेताओं ने किया है।

संघ की ओर से उन्हें लिखे गए पत्रों के आधार पर उनका संघ परिवार से रिश्ता जोड़े जाने के दिग्विजय के दावों पर हजारे ने कहा कि हमारे आंदोलन को शिकस्त देने के लिए आप आरएसएस के सुरेश भैया का पत्र जनता को दिखा रहे हैं, ऐसे पत्र का सबूत आप बना रहे हैं। सबूत तो वह हो सकता है जब ऐसे पत्र का मैंने जवाब दिया हो। ऐसा कोई पत्र है तो सबूत हो सकता है।

उन्होंने कहा कि 30 साल से समाज और देश की भलाई के लिए मैं बदनामी झेलते आया हूं और आगे भी बदनामी सहन करने की तैयारी रखी है। जिस पेड़ पर फल होते हैं, उसी पेड़ पर लोग पत्थर मारते हैं, इस बात को मैं अच्छी तरह जानता हूं।

हजारे ने दिग्विजय को सलाह दी कि उनके आंदोलन को देखने का उनके चश्मे का रंग गलत है और उन्हें चश्मा बदल लेना चाहिए। भाजपा द्वारा उन्हें राष्ट्रपति पद का अगला उम्मीदवार बनाए जाने के सब्जबाग दिखाने के दिग्विजय के दावे पर हजारे ने कहा कि ना तो राष्ट्रपति बनने की मेरी पात्रता है और न ही दिल में राष्ट्रपति बनने की मेरी इच्छा। समझ में नहीं आता कि ऐसे में क्यूं कांग्रेस वाले और बीजेपी वाले हवा में तीर चला रहे हैं।

हिसार लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं देने की जनता से की गई अपील पर दिग्विजय की नाराजगी के बारे में हजारे ने कहा कि उनकी पार्टी जनलोकपाल विधेयक और लोकायुक्त विधेयक को कानून बनाने में टाल-मटोल कर रही है। यही कारण है कि उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को वोट मत दो।

उन्होंने कहा कि लेकिन यूं भी तो नहीं कहा कि बीजेपी को वोट दो। चरित्रवान उम्मीदवार देखकर वोट दो। भले ही वे सत्ता में हों या विपक्ष में। हजारे ने कहा कि आप चिट्ठी में लिखते हैं कि कांग्रेस और अन्य दलों के भीतर फर्क करना चाहिए। मुझे और साथ ही जनता को भी यह लगता है कि कुछ पार्टियां भ्रष्टाचार के बारे में मानो ग्रेज्यूएशन की पढ़ाई कर रही हैं। किसी ने गै्रज्युएशन कर लिया है तो किसी ने भ्रष्टाचार में डॉक्टरेट पाई है। फर्क ही करना हो तो इतना ही फर्क दिखाई देता है। कौन सी पार्टी साफ है, यही बड़ा सवाल है।

राजनीति में आने की दिग्विजय की सलाह पर उन्होंने कहा कि आपने मुझे राजनीति में आने की सलाह दी लेकिन मैंने तय किया है कि शरीर में प्राण हैं तब तक किसी भी पक्ष और पार्टी की राजनीति में नहीं जाऊंगा। हजारे ने कहा कि मेरा तो ये दावा है कि बीजेपी और कांग्रेस आपस में मतभेद दिखाकर जनता को भुलावे में डाल रहे हैं लेकिन दोनों पार्टियों में कोई विशेष फर्क नहीं दिखाई देता है। हिसार में कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील के बारे में दिग्विजय की शिकायत पर उन्होंने कहा कि आपको अगर लगता है कि कांग्रेस को वोट मत दो, ऐसा प्रचार करने से बीजेपी को लाभ होगा तो कांग्रेस उनको ऐसा लाभ उठाने का मौका क्यों दे रही है? जनलोकपाल और लोकायुक्त कानून अगर शीघ्र बनते हैं तो क्या कांग्रेस को लाभ नहीं होगा।

स्वयं पढ़ें : अन्ना का दिग्गी को ०८ पन्नों का पत्र

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