अन्ना हजारे ने एक बार फिर सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पास नहीं हुआ तो..
चिदम्बरम का अदभुत गणित ज्ञान, देश के अमूल्य संसाधनों को लगाया चूना
2007 में जब वोडाफ़ोन ने हच का अधिग्रहण हेतु आवेदन किया तो चिदम्बरम ने उसे उस समय के बाजार भाव के अनुसार 60,000 करोड़ के FDI की अनुमति दी…(यानी कि चिदम्बरम को 2007 का सही-सही मार्केट रेट पता था)। लेकिन जब 2G लाइसेंस बाँटने की बात आई तो 2008 में राजा ने स्पेक्ट्रम का भाव तय किया 1800 करोड़ रुपये… वित्तमंत्री चिदम्बरम ने उसे मंजूरी दी, और प्रधानमंत्री को कह दिया कि अब इन भावों को पुनरीक्षित (Revised) करने की जरुरत नहीं है।
दूसरा खेल जिसमें राजा और मारन की मदद चिदम्बरम ने की, वह ऐसा है कि "स्वान" और "यूनीटेक"' नाम की दूरसंचार क्षेत्र में आई हुई "नई-नवेली अनुभवहीन" कम्पनियों को भी लाइसेंस बाँटे, जिन्होंने लाइसेंस मिलने के छः माह के अन्दर अपने शेयर 8 से 12 गुना भावों पर "एटिसलाट" और "टेलीनोर" कम्पनियों को बेच मारे…। तात्पर्य यह है कि राजा-मारन-चिदम्बरम से लेकर सभी कम्पनियों को "स्पेक्ट्रम की असली कीमत" और उससे होने वाली कमाई का मार्केट रेट पता था, और उसके अनुसार उन्होंने "कमाया" भी, लेकिन देश के अमूल्य संसाधनों को चूना लगाकर…
कहने का मतलब यह है कि देश के करदाताओं की खून-पसीने की कमाई और देश की सम्पदा को चिदम्बरम ने "पंजीरी के प्रसाद की तरह" बाँट दिया, और अब यह कभी पता नहीं चलेगा कि इस पूरे खिलवाड़ में चिदम्बरम-राजा-मारन इत्यादि ने कितने अरब रुपए स्विस बैंक में जमा किये…
(नोट :- एटिसलाट और टेलीनोर कम्पनियों को गृह मंत्रालय ने ब्लैक लिस्ट किया हुआ था, क्योंकि मंत्रालय को शक है कि दोनों ही कम्पनियों में दाऊद इब्राहीम और पाकिस्तान की ISI का भारी पैसा लगा हुआ है…। उस समय शिवराज पाटिल गृहमंत्री थे और अब चिदम्बरम हैं… यानी सैंया भये कोतवाल, तो अब डर काहे का?)
(नोट क्रमांक 2 :- जब पंजीरी बाँटी जा रही थी, उस समय वित्तमंत्री चिदम्बरम थे… इसीलिए बाबू मोशाय प्रणब मुखर्जी उनसे खार खाए बैठे हैं कि "सारा माल तो खुद खा लिया, जूठन समेटने और पत्तल उठाने का काम अब मेरे माथे?" इसलिए प्रणब बाबू पूरी तरह से चिदम्बरम को निपटाने के मूड में हैं…। इस पवित्र कार्य से बाबू मोशाय एक तीर से दो निशाने साध लेंगे, पहला तो यह कि सरकार में नम्बर दो बनने की जुगाड़ में लगे चिदम्बरम को सड़क पर लाएंगे और दूसरा यह कि खुद की छवि उजली बना लेंगे)…
— सुरेश चिपलूनकर
Share Your View via Facebook
top trend
-
दिग्विजय बोले- आज खोलेंगे हजारे की पोल, अन्ना ने फिर दिया अनशन का अल्टीमेटम
-
लीबिया में विद्रोही प्रमुख को त्रिपोली में रक्तपात की आशंका
लीबिया में राजधानी त्रिपोली को अगस्त के अंत तक फतह करने की विद्रोहियों की उम्मीद के बीच उनके विद्रोही प्रमुख ने राजधानी पर..
-
आज से पाकिस्तान तक पहुंचेगी सुखोई की दहाड़, जोधपुर में एसयू-30 की तैनाती
पश्चिमी सीमा पर हवाई सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए जोधपुर एयरबेस पर सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई-30 के स्क्वाड्रन की तैना..
-
राष्ट्र विरोधी वक्तव्य पर अबू आज़मी को २ वर्ष का कारावास
समाजवादी पार्टी विधायक अबू आजमी को मुंबई की एक अदालत ने भड़काऊ भाषण देने का दोषी करार दिया है। इस्लाम के नाम पर देश को ब..
-
भारतीय महिलाएं बनीं विश्व विजेता : प्रथम विश्व कप कबड्डी प्रतियोगिता
पटना। रविवार को प्रथम महिला विश्व कप कबड्डी प्रतियोगिता में भारत और ईरान के बीच खेला गया रोमांचक फाइनल मुकाबला जिसमे भार..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)