६५ साल पहले सत्ता पाने के लिए धर्म के आधार पर देश का बंटवारा स्वीकार करने के बाद भी भारत की आजादी का सेहरा अकेले अपने सर..
बाबा रामदेव प्रकरण : केंद्र सरकार एवं गृह मंत्रालय को चेताया, गुमराह किया तो चलेगा मुकदमा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जून में रामलीला मैदान पर
बाबा रामदेव के योग शिविर के दौरान आधी रात को हुए पुलिस लाठीचार्ज के
मामले में केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को चेताया है। उसने कहा है कि
यदि हलफनामे के जरिए गुमराह किया गया है तो उसके खिलाफ कार्यवाही चलाई
जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में खुद ही संज्ञान लेते हुए पुलिस और
केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। जस्टिस बीएस चौहान और स्वतंत्र कुमार
की बेंच ने सोमवार को कोर्ट की मदद कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन की
रिपोर्ट को गंभीरता से लिया। धवन का दावा है कि 4-5 जून 2011 की आधी
रात को रामलीला मैदान पर हुई पुलिसिया कार्रवाई गृह मंत्रालय की ओर से
पूर्व निर्धारित थी। ऐसा राजनीतिक फायदा उठाने के लिए किया गया। लेकिन
पुलिस आयुक्त बी के गुप्ता ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि पुलिस
ने अपने स्तर पर फैसला लेकर कार्रवाई की। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा
रामदेव ने गैरकानूनी रूप से भीड़ जुटाई थी।
योग गुरु को योग शिविर के लिए प्रशासकीय अनुमति दी गई थी भ्रष्टाचार
विरोधी आंदोलन या किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं। मामले में
न्यायमित्र की भूमिका निभा रहे राजीव धवन ने पिछली सुनवाई में कोर्ट
को बताया था गृहमंत्री पी. चिदंबरम की सलाह पर ही पुलिस ने यह
कार्रवाई की थी। धवन ने यह भी कहा कि चिदंबरम के साक्षात्कारों में
दिए बयानों से यह स्पष्ट है कि पुलिसिया कार्रवाई की रूपरेखा सरकार ने
काफी पहले तैयार कर ली थी।
जब कार्रवाई हुई उस समय योग गुरु केंद्र के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ
बातचीत कर रहे थे। धवन के अनुसार, 8 जून को चिदंबरम के दफ्तर से जारी
प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, 'बाबा रामदेव को रामलीला मैदान में अनशन
नहीं करने देने का फैसला लिया गया था। यह भी तय हुआ था कि यदि
उन्होंने ऐसा करने का प्रयास किया तो उन्हें दिल्ली से बाहर जाने को
कहा जाएगा।'
राष्ट्र धर्म - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
प्रतिभा पलायन - हमें पढ़-लिखकर अमेरिका,
ब्रिटेन, कनाडा आदि विदेशों में नहीं जाना अपितु अपने देश को विदेशों
से भी अच्छा बनना हैं तथा हमारे देश में हमें विश्व-स्तर के
शोध,अनुसंधन-केन्द्र, विश्वविद्यालय व सम्पूर्ण विकास का एक आदर्श
ढाँचा तैयार करना है। भ्रष्टाचार मिटाकर कालाधन देश को दिलाकर, हम
भारत को अमेरिका से भी अधिक शक्तिशाली बनाना है।
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - - - शेष पढ़ने के लिए क्लिक करें
अन्य भारत स्वाभिमान आन्दोलन से जुड़े समाचार
यहाँ पढ़ सकते हैं ...
Share Your View via Facebook
top trend
-
सर्वोच्च न्यायालय का मुस्लिम आरक्षण पर लगी रोक तुरंत हटाने से इनकार, सरकार को लताड़ा
-
सोनिया से बोफोर्स की काली कमाई लाने को कहेंगे बाबा रामदेव
नई दिल्ली, काले धन के मुद्दे पर राजनीतिक समर्थन जुटाने के अभियान में जुटे बाबा रामदेव ने बोफोर्स के मुद्दे को भी छेड़कर ..
-
अजीम प्रेमजी भारत में खोलेंगे नि:शुल्क शिक्षा वाले १३०० विद्यालय
आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन प्रेमजी अपने धन से भारत में नि:शुल्क शिक्षा वाले १३०० विद्यालय खोलेंगे। अजीम प्रेमजी अब तक अप..
-
भगवद गीता से दादागीरी, गीता के बारे में पादरियों की आपत्ति क्या हो सकती है?
19 दिसंबर 2011 : धर्म के मामले में व्लादिमीर पुतिन का रूस व्लादिमीर लेनिन के रूस से कम नहीं है| सोवियत-काल में ईसाइयों और ..
-
स्वामी अल्पसंख्यक आरक्षण के विरोध में, कहा सोनिया की आदर्श-बहू छवि से रहे सावधान
जयपुर. जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने हमेशा की तरह सभा शुरू की | उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में म..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)