अपने पड़ोसी देशों की संस्कृति और खान-पान को जानने के उत्सुक रहने वाले भारतीयों को अब तिब्बत की संस्कृति आकर्षित कर रही है।..
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भारत में छूआछूत का कलंक किसकी देन?
|कुछ लोगों का मानना है कि भारत में इस्लाम का प्रचार-प्रसार बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ है। उनका यह भी कहना है की हिंदू समाज में छुआछात के कारण भारत में हिन्दुओं ने बड़ी मात्रा में इस्लाम को अपनाया। उनके शब्दों में - "हिंदुओं के मध्य फैले रूढिगत जातिवाद और छूआछात के कारणवश खासतौर पर कथित पिछड़ी जातियों के लोग इस्लाम के साम्यभाव और भाईचारे की ओर आकृष्ट हुए और स्..
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अँग्रेजी चिन्दियों मे सिसकती हिन्दी
|प्रश्न सीधा-सहज था मगर मुझे चौंका गया...... एक विदेशी मित्र भारत आए। भारत में भारत को ना पाकर हैरान थे किन्तु उससे भी अधिक हिन्दी की चिन्दियों को देख परेशान थे। पहले एक अमेरिकन इंग्लिश इंस्टीट्यूट का विज्ञापन और उसके पश्चात मॉल में चिटपिट slang अँग्रेजी में गपियाते 'इंडियन यूथ' (भारतीय युवा कहूँ तो शायद ये 'यूथ' बुरा मान जाएँ!) को देख मुझसे पूछ बैठे- "आपके स्नातक पश्चिम क..
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नितीश कुमार का समाजवादी रंग
|अब यह लगभग स्पष्ट है कि नितीश कुमार राजग का हिस्सा बने रहना नहीं चाहते हैं (मैं जनता दल यूनाइटेड इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि शरद यादव राजग से विलग होना नहीं चाहते)। उन्हें यह ‘समझ’ में आ गया है कि भाजपा ‘सांप्रदायिक’ दल है और ‘लोहिया की धारा’ से निकले होने के कारण उन्हें भाजपा के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए। यह अलग बात है कभी लोहिया भी जनसंघ के साथ खड़े हुए थे और न..
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सच की लक्ष्मण रेखा
|देशभक्ति घोड़े पर सवार है। और हो भी क्यों न - परिस्तिथियाँ ही ऐसी हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि भारत में दो तिहाई जनसँख्या के पास शौचालय तक नहीं हैं पर योजना आयोग के दफ्तर में ३५ लाख शौचालय की मरम्मत में खर्च हो जाते हैं। हर आधे घंटे में एक किसान आत्महत्या कर लेता है, पर करोड़ों टन अनाज गोदामों में पड़ा सड़ रहा होता है। मजहब के आधार पर आरक्षण का विरोध करने वालों को साम्प्रदाय..
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दंडायण, एक महान यूनानी दार्शनिक 'डायोजनीज' का सत्य
|"उस दरिद्र ने बुलाया है मुझे!" कहने के साथ ही वह खिलखिलाकर हंस पड़ा! पास खड़े तीनों सैनिक उसे आँखें फाड़े देखे जा रहे थे, पता नहीं क्या था ऐसा उसमे! झेलम के रमणीक तट पर अपनी मस्ती में लेटा हुआ था वह! दाहिने हाथ को तकिये की तरह लगाए लेटा हुआ था! बायाँ पैर दायें पर रखा था! रेत पर रखे उसके दाहिने पाँव को झेलम की जल-लहरियां उर्मियाँ बड़े आग्रह के साथ धो रही थी! अपूर्व आनंद की आभा छाई थी..
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अमे नरेन्द्र भाई ने दिल्ली नई मोकलिये
|पिछले दिनों हरिद्वार जाने का अवसर लगा। महानगर की आपाधापी के बीच माँ गंगा का किनारा सदा से ही संतोष और आत्मिक शांति देता आया है। मन में आया, जा कर वहीँ बैठा जाए। पहुँच गए गंगा किनारे, नित अनुशासन में बहने वाली गंगा आज अतिशय वेगवान थी। स्तर मध्यम था, पर शीघ्रता से बढ़ रहा था। गंगा भगवत-चरणों से निकलती है, देश के बड़े हिस्से के लिए प्राणदायिनी का काम करती है, खेतो को सींचती है, कंठ को तारती है, ध..
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इस्लाम व कुरान पर भारत के महापुरुषों द्वारा दिए गए क्रांतिकारी विचार
|सरदार वल्लभ भाई पटेल (संविधान सभा में दिए गए भाषण का सार)। "ऎसा कोई अन्य मजहब नहीं जिसने इतना अधिक रक्तपात किया हो और अन्य के लिए इतना क्रूर हो। इनके अनुसार जो कुरान को नहीं मानता कत्ल कर दिया जाना चाहिए। उसको मारना उस पर दया करना है। जन्नत ( जहां हूरे और अन्य सभी प्रकार की विलासिता सामग्री है) पाने का निश्चित तरीका गैर ईमान वालों को मारना है। इस्लाम द्वारा किया गया रक्त..
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स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर
|यह कहा जाए कि आधुनिक भारतीय इतिहास में जिस महापुरुष के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ, वह सावरकर ही हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सावरकर ‘नाख़ून कटाकर’ क्रन्तिकारी नहीं बने थे। 27 वर्ष की आयु में, उन्हें 50-50 वर्ष के कैद की दो सजाएँ हुई थीं। 11 वर्ष के कठोर कालापानी के सहित उन्होंने कुल 27 वर्ष कैद में बिताए। सन 1857 के विद्रोह को ‘भारत का प्र..
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मोदीत्व बनाम विकृत धर्मनिरपेक्षता - धर्मयुद्ध की ओर
|"सबका साथ सबका विकास" का मंत्र देकर अपने ३ दिवसीय सद्भावना उपवास के साथ अपने राजनैतिक कौशल का प्रदर्शन कर चुके नरेन्द्र मोदी ने मुंबई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की समापन रैली में जिस प्रकार का सिंहनाद [ यू-ट्यूब विडिओ लिंक ] किया, उससे राष्ट्रीय राजनीति और मीडिया के गलियारों में एक बार फि..
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पेट्रोल की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि: महंगाई डायन खाय जात है
|केंद्रीय सरकार ने 23-24 मई 2012 की मध्यरात्रि से पेट्रोल की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से 7.50 रुपये की वृद्धि करने की घोषणा कर दी है। दाम बढ़ने से पेट्रोल अब कोलकाता में 77.53 रुपए प्रति लीटर, दिल्ली में 73.14 रुपए प्रति लीटर, बेंगलुरु में 81 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 78.16 रुपए प्रति लीटर हो गया है। देश की जनसँख्या के लगभग ९५% हिस्से के लिए तो यह एक भयंकर दुस्वप्न से कम नहीं है| ऐसा माना..
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राम भजने नहीं राम बनने का समय
|राम भजने नहीं राम बनने का समय ... श्रीमद्भागवद्गीता का एक श्लोक है -
यद्यदाचरति श्रेष्ठः तत्तदेवेतरो जनः। स यत्प्रमाणम् कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥ – भगवद्गीता ३.२१
अर्थात श्रेष्ठ पुरुष जैसा जैसा आचरण प्रमाण-पूर्वक करता है, सामान्य लोग उसी का अनुकरण करते हैं। गीता एक ऐसा ग्रन्थ है जिस पर पौराणिक सनातन धर्मियों एवं वैदिक आर्य समाजियों दोनों की श्..
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भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रही तिब्बत की संस्कृति
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गत माह गौ-हत्याओं में आई तेज़ी पर गौ-रक्षा दल सक्रिय, समस्त भारतवर्ष में गौ-रक्षा अभियान जोरों पर
गौ हत्या न सिर्फ एक कानूनी जुर्म है बल्कि अपनी माँ के साथ भी दुर्व्यवहार के समान है... पिछले एक महीने में देश के बहुत से श..
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मोदी पर रीझा चीन, भेजा न्यौता मोदी ने स्वीकारा
बात बात पर भारत को आँख दिखाते रहने वाले चीन ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर उन्हें चीन आने का आमंत..
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ख्वाजा मुइउद्दीन चिश्ती, अजमेर और भारत इतिहास
यह एक अजीब तथ्य है कि भारत भू पर आने वाले अधिकांश पाकिस्तानी राजनैतिक व्यक्ति अजमेर शरीफ जाने की इच्छा जरूर रखते हैं, सा..
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अरुंधति ने तिरंगा और वंदे मातरम को बांटने वाला बताया, अन्ना को कहा ‘खाली बर्तन’
अरुंधति रॉय ने अन्ना हजारे के आंदोलन पर हमला बोलते हुए राष्ट्रगीत वंदे मातरम और राष्ट्रीय झंडे को सांप्रदायिक और बांटने वा..
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सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
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वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
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आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
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अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
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सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
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नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
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न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
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पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
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वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
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जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
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मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
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भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
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२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
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वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
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चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
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समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
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